यह बात कोई माने न माने लेकिन जीवन में दुआओं का असर होता है .... वाह...वाह.... जितेन्द्र जी आते ही दवा का इतना अच्छा नुस्खा ....? मेरे लिए कीजिये न आजकल तबियत कुछ नासाज़ है ..
और सच्ची मैं आज आपको ही याद कर रही थी की जितेन्द्र जी पता नहीं कहाँ व्यस्त हो गए .....):
वाह जौहर साहब ! देर आए पर दुरुस्त आए. आपके अल्फाजों की एक हलकी सी छुअन ने दिल के पतझड़ में उमंगों का मौसम मौसम भर दिया है. हमने माना कि दुवाओं का असर होता है. दिल से आभार ! नमन !
bhut sochta rha hva ko apne sath bha loon bhut sochta rha aaj din doobe nhi bcha loon pr dono ne kiya vhijo un kee mjboori thi mujh ko bhi smjhaya main apne mn ko smjha loon aap ke kee shubhkamnayen nirntr likho aap ka aana achchha lga
शायद इसी लिए डाक्टर अपनी पर्ची पर लिखते हैं "मैं दवा देता हूँ वो ठीक करता है" यहाँ 'वो' शब्द 'उसकी दुआओं' के लिए ही है मेरे ख्याल में. आपकी दुआएं भी ऐसे ही मिलती रहेंगी मुझे ऐसा विश्वास है. आपकी रुबाई अपने आप में दुआओं का समंदर है जिसमें मैं डूब जाने पर भी आलौकिक आनंद अनुभव कर रहा हूँ. धन्यवाद.
देश के लिये हमेशा करते हैं, देखिये असर कब होता है..
ReplyDeleteप्रिय भाई,
ReplyDeleteअसर होगा...ज़रूर होगा! बस्स्स्स... आप मन में आस्था और विश्वास पैदा कीजिए...तथास्तु!
बहुत खूब ...सुन्दर
ReplyDeleteयह बात कोई माने न माने लेकिन
ReplyDeleteजीवन में दुआओं का असर होता है ....
वाह...वाह....
जितेन्द्र जी आते ही दवा का इतना अच्छा नुस्खा ....?
मेरे लिए कीजिये न आजकल तबियत कुछ नासाज़ है ..
और सच्ची मैं आज आपको ही याद कर रही थी की जितेन्द्र जी
पता नहीं कहाँ व्यस्त हो गए .....):
वाह जौहर साहब ! देर आए पर दुरुस्त आए. आपके अल्फाजों की एक हलकी सी छुअन ने दिल के पतझड़ में उमंगों का मौसम मौसम भर दिया है. हमने माना कि दुवाओं का असर होता है. दिल से आभार ! नमन !
ReplyDeleteदुआओं के बिना ज़िन्दगी अधूरी है , मैं तो हर दुआ देने वाले के लिए यही कहना चाहूँगा-
ReplyDeleteतेरी दुआएँ
महसूसती मेरी
रक्त शिराएँ ।
MUN KO BHARPOOR SPARSH KARTEE HAI AAPKEE RUBAAEE . SIRF CHAAR PANKTIYON MEIN AAPNE
ReplyDeleteFAQIR JAESEE BADEE BAAT KAH DEE HAI .
BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .
Bahut accha likha hai aapne
ReplyDeleteआपका स्वागत फिर से.....
ReplyDeleteसही कहा आपने असर तो होता ही है.....असरदार....
बढिया कहन पर बधाई--जौहर भाई
ReplyDeleteहकीर ने दुआ मांगी है तो
दोस्त होकर भी मुझे ये सजा दे गया
जिन्दगी की क्यों भला वो दुआ दे गया
जीतेंद्र जी ,
ReplyDeleteदुआओं का असर बिलकुल होता है... सुन्दर रुबाई ...
bhut sochta rha hva ko apne sath bha loon
ReplyDeletebhut sochta rha aaj din doobe nhi bcha loon
pr dono ne kiya vhijo un kee mjboori thi
mujh ko bhi smjhaya main apne mn ko smjha loon
aap ke kee shubhkamnayen
nirntr likho aap ka aana achchha lga
बहुत दिनों के बाद आपको ब्लॉग पर देखकर प्रसन्नता हुई !
ReplyDeleteरुबाई सीधे दिल में उतर गयी !
आभार !
वाह! वाह!! वाह!!!
ReplyDeleteआपकी रचनाओं को पढ़्ने का कुछ और ही आनंद है। सीधे दिल में उतर जाती हैं, और याद भी रह जाती हैं।
दुआओं का असर होता है| धन्यवाद|
ReplyDeleteशायद इसी लिए डाक्टर अपनी पर्ची पर लिखते हैं "मैं दवा देता हूँ वो ठीक करता है" यहाँ 'वो' शब्द 'उसकी दुआओं' के लिए ही है मेरे ख्याल में. आपकी दुआएं भी ऐसे ही मिलती रहेंगी मुझे ऐसा विश्वास है. आपकी रुबाई अपने आप में दुआओं का समंदर है जिसमें मैं डूब जाने पर भी आलौकिक आनंद अनुभव कर रहा हूँ. धन्यवाद.
ReplyDeleteसच है जोहर जी ... दुआओं का असर ज़रूर होता है ... लाजवाब ...
ReplyDeleteवाह! क्या बात है जौहर साहब ..... खूबसूरत बहुत दिनों से आपकी प्रतीक्षा हो रही थी |
ReplyDeleteबचा के आप भी रखिए अभी दुआ अपनी ।
ReplyDeleteदरख्त ढूँढ़ रहा है अभी हवा अपनी ।
कहाँ मिला है यहाँ तेल कभी पानी से
बड़े हैं आप, मगर आदतें जुदा अपनी ।
अच्छा लगा आपका इलाका।
वाह,,, जौहर साहब !
ReplyDeleteक्या खूब रुबाई कही है
"जीवन में दुआओं का असर होता है..."
वाह - वा !!
बेशक....दुआओं में तो असर होता ही है...बस विश्वास कायम रखने की जरूरत होती है...
ReplyDeleteसुन्दर रुबाई...
Ham bhi bade din baad online hue.. Aapki rubayi padhna achcha laga.. jaldi jaldi post karte rahe
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