Wednesday, November 13, 2013
Monday, October 21, 2013
★ ख़ुशी के पल ★
"अरे, वाह...!" ये दो शब्द सहसा मेरे मुँह से... त्वरित उद्-गार के रूप में... निकल पड़े, जब कल की डाक में शामिल एक 'विशेष पैकेट' को खोला! सोचा कि अपने FB friends से भी साझा कर लूँ, ख़ुशी के ये यादगार पल...!
मित्रो, प्रिण्ट मीडिया में साहित्यकारों/साहित्य-प्रेमी पाठकों के बीच... मेरे बहुचर्चित स्तम्भ 'तीसरी आँख' (त्रैमा. 'अभिनव प्रयास') पर एक 'लघु शोध प्रबन्ध' का कार्य सम्पन्न हो गया है, आगरा विश्वविद्यालय में! इस 'शोध प्रबन्ध' की प्रति मुझे कल ही मिली।
शोधार्थी श्री कृष्ण कुमार यादव ने शोध-निर्देशक डॉ. रश्मि जैन (एसो. प्रोफ़ेसर) के कुशल निर्देशन में अत्यन्त परिश्रम से यह कार्य सम्पन्न किया है, उन्हें हार्दिक बधाई!
'माँ'... नमन् आपके चरणों में !!
शोधार्थी श्री कृष्ण कुमार यादव ने शोध-निर्देशक डॉ. रश्मि जैन (एसो. प्रोफ़ेसर) के कुशल निर्देशन में अत्यन्त परिश्रम से यह कार्य सम्पन्न किया है, उन्हें हार्दिक बधाई!
'माँ'... नमन् आपके चरणों में !!
Below-posted are the comments from the FB friends/readers :
नापसंद · · Unfollow Post · प्रचार करें · साझा करें
- आपको, Nira Rajpal, Udan Tashtari, Gaurav Goel और 126 और को यह पसंद है.
- Gaurav Goel जो जिन्दगी को रब की इनायत समझ रहे हैं
जो उलझनों से लड़कर ज्यादा सुलझ रहे हैं
जिसने कभी किसी का दिल तोडना न सीखा
बनकर वो आज चन्दन माथे पे सज रहे हैं
- गौरव गोयल - शिवा दरवेश श्रद्धेय जौहर साहब. . आपके साहित्यिक शब्द कुबेर मे, वास्तव मे , . .ये जज़बा है कि आपके शब्दो या आलेख पर शोध कार्य होना . . एक स्वभाविक सी बात है . . आपके लेखन मे वो ताकत है . ..आकर्षण है . .और हम यही कहेगे कि . . एसे ढेरो मान सम्मान सदैव . .आपकी प्रतिक्षा मे . . कतार मे होगे . .!!. . . ये दुआ है हमारी . .अपनी खुशी मे हमारी शामिलगी क़बूल किजीएगा . .हार्दिक बधाई ! . .Sir g
- जितेन्द्र जौहर बहुत-बहुत शुक्रिया→ आप सभी का...!!
शिवा जी,
क्या कहूँ...!? मैं 'नि:शब्द' हूँ! बस्स्स...अपनी एक रुबाई की पंक्ति उद्धृत कर रहा हूँ... आपके प्रेम-अपनत्व-सद्भाव पर :
'जीवन में दुआओं का असर होता है!'
आमीन... आमीन... आमीन...!! - Vijay Prakash Bhardwaj Kavi aapko hriday ki atal gahraaiyon se saadhuwaad ewam shubhkamnaen parantu abhinaw prayas ke wartamaan ank men stambh ka nadarad hona mujh jaise sahity ke shishu-vidyarthee ke lie ek apoornaneey kshati sabit hua hai aasha hai agale ank se teesree aankh punah apnee yogmudra se bahar aa jaaegee ...shubh ki ichchha men shubhkamnaon ke saath punahhhhhhhhhh sadhuwad
- जितेन्द्र जौहर ★ Vijay Ji, 'तीसरी आँख' के सभी प्रशंसक स्तब्ध हैं! इस कॉलम की लोकप्रियता का अंदाज़ इसी बात से लगाया जा सकता है कि पत्रिका 'पीछे' से खोलकर पढ़ी जाती थी! किन्हीं कारणों से हमें कठोर निर्णय लेना पड़ा! But चिन्ता की कोई बात नहीं, कॉलम बंद नहीं हुआ है, इसे सिर्फ़ अल्पकालिक स्थगन... break... समझें या फिर स्थानांतरण! अनगिन mgzns से ऑफ़र हैं! शीघ्र निर्णय लेंगे!हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं... आपका शुक्रिया...!!
★ आद. Manju Mishra Ji, Vijay K Bhardwaj Ji, Ashok Srivastava Ji & Manoj K Maharaj Ji... हार्दिक आभार!
मनोज कौशिक जी, आपका cmnt mobile screen पर display नहीं हो पा रहा, पता नहीं क्यों? - शिवा दरवेश सर . .आपका ये कालम बंद हो गया है ? हैरानी भी हुई . .और बेहद दुख भी . .अगर कारण जानना चाहूगी. तो छोटा मुह बडी बात होगी . लेकिन हम ये पत्रिका उधार ले कर जब पढते थे तो आपके . . तीसरी आखँ साहित्यिक स्तंम्भ से बहुत प्रभावित हुए थे और हमने अभिनव प्रयास की सदस्यता ली . लेकिन हमे पत्रिका प्राप्त अभी तक नँही हुई ! . . .और कठोर निर्णय कैसा इतनी अच्छी और प्रसिद्ध पत्रिका के लिए ?
- Kavi Anant Alok vah ! sir hme bhi is baat ki behad khushi hai ki tisri aankh pari krishn kumar yadav ji ne shodh kiya hai .aapko hamari haardik badhai or yadav ji ko bhi bahut badhai . Sir ye ekdam sach hai ki abhinav pyras ko hm bhi pichhe se hi padhna shuru karte the ,kyonki apke saath hamare jo atmik smbandh hai vo hme is baat ke liye prerit karte hain or haan sir ye bhi jarur batiyega ki Tisri aankh dubara kab shuru ho raha hai ,uski keval mujhe nhi pure hindi sahity jagat ko bahut adhik avshykta hai .ek bar punh apne chhote bhai ki atmikt badhai svikar karen .
- Sushil Pandey jitendra ji badhayee aapko bhi aur yadav ji ko bhi---yeh hum sabke liye prasannta ke pal hain---teesri ankh khuli rahe ye hi kamna hai----aap ab sirf lekhak nahi ek sansthan ho chuke hain sahityik safalta ki annant uchaeeyon per aap pahuchenge hi ----anant subhkamnaye
- Piyush Dwivedi Putu इस खुशी के पल में शरीक करने हेतु कोटिक धन्यवाद एवं इस उपलब्धि के लिए आपको अनंत बधाई।
- जितेन्द्र जौहर आद. Shri Krishna Ji, Anant Alok Ji, शिवा दरवेश जी, Sushil Pandey Ji & Piyush D. Putu Ji...हार्दिक आभार, अनेक बार... आप सभी के प्रति...! ख़ुशी के इन पलों में आपका मेरे साथ होना, बहुत सुखद लग रहा है!
Cntd... (एक ब्रेक के बाद... ) - Ahmad Aseem Machhali Shahari Waqui khushi ka pal hai maiN apki khushi ke liye apko mubarkbad pesh karta huN
- Sunita Verma bahut bahut badhaiya sir,ab to intzar hai ki "teesari aankh"kisi book ke roop me ya kisi magzin me stambh ke roop me jaldi hi padhne ko mile.anekanek badhai...
- जितेन्द्र जौहर ★ शिवा दरवेश जी, मैं आपके विचारों की कद्र करता हूँ। ख़ुशी होती है, जब आप सभी साहित्यकार /पाठकगण यह बताते हैं कि 'तीसरी आँख' उनका सर्वप्रिय कॉलम है!! आभार! Mgzn शीघ्र आपके पास पहुँचेगी।
★ Anant Alok Ji, आप ख़ुशी में शामिल हुए... बहुत अच्छा लगा, इसलिए 'भी' कि आप कॉलम की अपार लोकप्रियता के शुरू से प्रत्यक्षदर्शी रहे हैं!! शीघ्र सूचना दूँगा। आभार!
2 B Cntd... (एक ब्रेक के बाद... ) - DrKrishna Kumar Bedil · 31 पारस्परिक मित्र
प्रिय जितेन्द्र जौहर जी आपको अनेक बधाइयाँ , तीसरी आँख एक अच्छा स्तम्भ था , क्यों बंद हुआ कारण आप जानते होंगे या श्री अशोक अंजुम, शुरू से बहुत अच्छा चला, चर्चित भी हुआ, कहीं कहीं आलोचना भी झेलनी पड़ी होंगी जो कि स्वाभाविक है लिकिन क्षमा करें अंतिम अंकों ने कुछ निराश किया और मुझे लगा कि आप कुछ लीक से हट गए हैं । हो सकता है आपको मेरी बात पसंद न आये लेकिन जो मुझे लगा वह लिख दिया , में अपने मन में रखता वह भी ठीक नहीं था । - शिवा दरवेश श्रद्धेय जौहर साहब . .आपने हमे पत्रिका भेजने का आश्वासन दिया ,अच्छा लगा - लेकिन लगभग तीन माह पहले EMO से सदस्यता शुल्क भेजा था . .और स्पीड पोस्ट से एक पत्र जिसमे मेरा पता तथा मनिआडर की स्लिप भी थी ..आपके कालम का जिक्र किया था हमने संपादक जी से . .शायद उन्हे प्राप्त नही हुआ होगा . . .तभी . .शायद वो हमे फ्रैड रिक्वेस्ट भेजे थे ,ताकि हमे पत्रिका भिजवाने के लिए हमारा पता जान सके . .अब हम उन्हे मेसेज मे अपना पता लिखवा देगे !. .अभिनव प्रयास . .और तिसरी आख . .वास्तव मे एक दूसरे के पूरक है . .एक दूसरे के बिना . . अधूरे है . .!. और आशा करते है कि एक अधूरापन लिए अभिनव प्रयास हम रीडर्स तक ना पँहुचे . .शायद ये पत्रिका पूर्णता लिए ही हम तक आए ! यही आशा है !
- जितेन्द्र जौहर आप सभी ने इस ख़ुशी में शामिल होकर मुझे और भी ख़ुशी दी, बहुत-बहुत शुक्रिया → Piyush Putu Ji, Ahmad Aseem Ji, Kalam Bharti Ji, Dr Manik Ji, Archana Srivastava Ji, Deepak Shukla Ji, शिवा दरवेश जी & all...!!
● Sri Sushil Pandey Ji, आपके उद्-गार मेरे लिए विशेष उत्साहवर्द्धक हैं...साथ ही एक बड़ी लेखकीय ज़िम्मेदारी के बोधक भी...!
● Dr Sunita Verma मैम, जी अवश्य। 'तीसरी आँख' के प्रति स्नेह-भाव के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया...!
● Sri Ashok Anjum Ji,
आपकी दस्तक... 'अभिनव प्रयास' के संपादक-रूप में यह ज़रूरी थी, बड़े भाई के 'बड़प्पन' के लिहाज से भी।
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2 B contd... (एक ब्रेक के बाद) - Ajay Shukla aapke saujanya v neele danton ki takneek ke zariye.teesri aankh ke sambhavt:h sabhi lekh mere mob me hain...kai kai bar parhe... pragya ka tejomayee sfot sa prateet hota hai her bar ...shodh ka vishay banne pr hardik badhai..
- Vijaytanha Prerna भाई जौहर जी हमारी दिल से बधाई .. 'तीसरी आँख ' पर पूरे देश के पाठको की नजर टिकी रहती थी ।
- Shyam Yadav Bahut bahut badhai...asha karta hu ki apke dwara rachit sahitya rupi ye amulya dhan hamesha nai unchaiyo ko chhuega....hardik badhai...bhai sab'...
- जितेन्द्र जौहर बहुत-बहुत शुक्रिया... आप सभी की बधाई एवं अभिमत/टिप्पणियों के लिए.... शुभकामनाओं के लिए...!!
- Kirti Rana · Sandip Srijan और 59 others के मित्र
"तीसरी आँख"पर भी लगी थी किसी की नजर, उस नजर और आप को बधाई - Dinesh Rastogi इससे ऐसा ही लगता है जीतेंद्र कि तुम्हारा जीवन रोमांच से लबालब है |बहुत बड़ा बाला आशीष इसके लिये .......
- जितेन्द्र जौहर बहुतsss बड़ा वाला 'शुक्रियाssssssss' आदरणीय! आपने तो मेरे लिए अपना ख़ून भी बहाया है, मुझे याद है! आप-जैसे वरिष्ठ कवि का प्यार और आशीष मेरे लिए अनमोल है!
हार्दिक आभार, अनेक बार... आप सभी अग्रजों-अनुजों के सद्भाव के लिए...! _/\_ - Suvesh Yadav 'तीसरी आँख' अभी तक पढने को नही मिला।यादव जी ने इस चर्चित स्तंभ के लिये बडा काम किया है। आपकी लेखकीय निष्ठा को नमन। हार्दिक बधाई.....
- जितेन्द्र जौहर Thanx to all.
Suvesh Ji, यदि Email ID दें, तो PDF कॉपीज़ भिजवायी जा सकती हैं। धन्यवाद! - Ajay Chaturvedi Kakka · 15 पारस्परिक मित्र
MUJHE TO PAHLE HI VISHVAS THA KI TISARI AANKH KUCHH N KUCHH ZARUR KAREGI. - Bharma Kolekar · Friends with Sunil Parit
SIR MERI HINDI KITAB KA MUKFRUSTH FECEBOOK PE HEI .. DEK LO SIR JI...
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