जौहरवाणी
शब्द-स्वर-संगीत का संगम
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साथी-संगम
Monday, May 21, 2012
एक क्षणिका :
०
रचनाकार
०
उधर
विसंगतियों पर प्रहार
इधर
विसंगतियों के शिकार,
वाह रे...
रचनाकार!
- जितेन्द्र ‘जौहर’
1 comment:
मनोज कुमार
May 26, 2012 at 7:14 PM
इसी दुविधा में रचनाकार जीते हैं
वो जख़्म देते हैं, हम उन्हें सीते हैं
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इसी दुविधा में रचनाकार जीते हैं
ReplyDeleteवो जख़्म देते हैं, हम उन्हें सीते हैं