21.10.11
पुरस्कार हेतु प्रविष्टियाँ आमंत्रित:
त्रैमा. ‘अभिनव प्रयास’ (अलीगढ़, उप्र) के-
बहुचर्चित साहित्यिक स्तम्भ ‘तीसरी आँख’ की पुरस्कार/सम्मान-श्रृंखला:
पुरस्कार क्रमांक-1: ‘श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति: श्रेष्ठ सृजन सम्मान’
(1100/-रुपये + प्रमाण-पत्र)
वैदिक क्रांति परिषद की संस्थापिका एवं ‘सरस्वती प्रकाशन’ की प्रेरणास्रोत श्रीमती सरस्वती सिंह जी की पावन स्मृति में निर्धारित उक्त सम्मान साहित्य की किसी भी विधा (गद्य-पद्य) के रचनाकार को देय होगा जिसके लिए प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 30 जून 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. गद्य या पद्य विधा की तीन फुटकर रचनाएँ (प्रकाशित/अप्रकाशित का बंधन नहीं) मौलिकता प्रमाण-पत्र के साथ।
2. सचित्र परिचय + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
विशेष: इस सम्मान हेतु श्रेष्ठ/स्तरीय प्रविष्टियों के अभाव की स्थिति में रचनाओं का चयन देशव्यापी पत्र-पत्रिकाओं, इंटरनेट, गद्य/पद्य संग्रहों, आदि में से किया जा सकता है।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
डॉ. आनन्दसुमन सिंह श्री अशोक ‘अंजुम’ जितेन्द्र ‘जौहर’
(प्र. संपा.‘सरस्वती सुमन) (संपा.‘अभिनव प्रयास’) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
देहरादून, उत्तराखण्ड. अलीगढ़, उ.प्र. सोनभद्र, उप्र
.................................................................................
पुरस्कार क्रमांक-2: ‘श्री केशरीलाल आर्य स्मृति गीत/दोहा सम्मान’
(5100/-रुपये + प्रमाण-पत्र)
आर्य समाज-सेवक, स्वाभिमानी राष्ट्रभक्त, पूर्व स्वतंत्रता सेनानी एवं सन् 1930 के स्नातक श्री केशरीलाल आर्य जी की पावन स्मृति में स्थापित उपर्युक्त वार्षिक सम्मान वरिष्ठ गीतकार/दोहाकार डॉ. देवेन्द्र आर्य की पितृ-भक्ति का प्रतीक है। यह सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर चुने गये किसी श्रेष्ठ कवि/कवयित्री (कोई आयु-बंधन नहीं) को गीत अथवा दोहा-सृजन के लिए देय होगा। इस सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 31 मार्च 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. मौलिक गीत-संग्रह अथवा दोहा-संग्रह (प्रकाशन-वर्ष का कोई बंधन नहीं) की दो प्रतियाँ।
2. सचित्र परिचय, प्रविष्टि-शुल्क रु. 200/- (मनीऑर्डर द्वारा; चेक अस्वीकार्य) + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
डॉ. देवेन्द्र आर्य डॉ. शिवओम अम्बर जितेन्द्र ‘जौहर’
(वरिष्ठ साहित्यकार) (वरिष्ठ साहित्यकार) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
ग़ाज़ियाबाद, उप्र. फ़र्रुख़ाबाद, उ.प्र. सोनभद्र, उ.प्र.
.................................................................................
पुरस्कार क्रमांक-3: ‘श्रीमती रत्नादेवी स्मृति काव्य-सृजन सम्मान’
(5001/- रुपये + प्रमाण-पत्र)
डिप्टी कलेक्टर के रूप में तीन दशक का बेदाग़ सेवाकाल बिताने वाले 74 वर्षीय श्री आमोद तिवारीजी शांत स्वभाव एवं वैदुष्य के धनी हैं। उनकी गहन साहित्य-निष्ठा का प्रतीक उपर्युक्त वार्षिक सम्मान उनकी स्वर्गीया धर्मपत्नी श्रीमती रत्नादेवी जी की पावन स्मृति में स्थापित किया गया है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किसी श्रेष्ठ कवि/कवयित्री (युवाओं को विशेष वरीयता, तथापि आयु-बंधन नहीं) को देय होगा। इस सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 31 मार्च 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. काव्य की किसी भी विधा (छांदस/अछांदस) के मौलिक प्रकाशित संग्रह (प्रकाशन-वर्ष का कोई बंधन नहीं) की दो प्रतियाँ अथवा मौलिकता प्रमाण-पत्र के साथ अप्रकाशित कृति (पाण्डुलिपि) अथवा न्यूनतम 15 फुटकर कविताएँ।
2. सचित्र परिचय, प्रविष्टि-शुल्क रु. 200/- (मनीऑर्डर द्वारा; चेक अस्वीकार्य) + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
श्री आमोद तिवारी डॉ. रा.स.लाल शर्मा ‘यायावर’ जितेन्द्र ‘जौहर’
(पूर्व डिप्टी कलेक्टर) (वरिष्ठ साहित्यकार) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
कटनी, म.प्र. फ़िरोज़ाबाद, उ.प्र. सोनभद्र, उ.प्र.
.................................................................................
विशेष ध्यानार्थ:
1. उपर्युक्त सभी सम्मान/पुरस्कार ‘तीसरी आँख’ द्वारा आयोजित एक भव्य ‘सम्मान-समारोह’ एवं गरिमापूर्ण ‘अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन’ में प्रदान किये जायेंगे जिनका विस्तृत समाचार विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशनार्थ प्रेषित किया जायेगा। साथ ही, चयनित कवि/कवयित्री की चुनिन्दा रचनाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित वेबसाइट्स/इंटरनेट पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित करने का प्रयास रहेगा।
2. चयन-प्रक्रिया अत्यन्त पारदर्शी एवं त्रिस्तरीय होगी जिसे परिणामों के साथ घोषित किया जायेगा। कृतियों के निष्पक्ष चयन का आधार-कथन (संक्षिप्त समीक्षा के साथ) ‘तीसरी आँख’ में प्रकाशित करने का प्रयास रहेगा।
3. प्रविष्टि-शुल्क का उद्देश्य व्यावसायिक नहीं है। इन सम्मानों/पुरस्कारों का मूल उद्देश्य श्रेष्ठ साहित्य-सृजन को प्रेरित करना है।
4. प्रशंसकों/शुभचिंतकों द्वारा भेजी गयी अपने प्रिय कवि/कवयित्री की प्रविष्टियाँ (वांछित संलग्नकों के साथ) स्वीकार्य हैं।
5. किसी पाण्डुलिपि के चुने जाने की स्थिति में निर्धारित सम्मान/पुरस्कार उसके प्रकाशन हेतु अनुदान-राशि के रूप में प्रदान किया जायेगा।
6. सभी सम्मानों के लिए अलग-अलग प्रविष्टियों की छूट उपलब्ध है; लिफ़ाफ़े पर सम्मान/पुरस्कार का नाम एवं क्रमांक स्पष्ट रूप से लिखें। संलग्नकों के अभाव में प्रविष्टियाँ अमान्य होंगी।
7. प्रायोजकों अथवा परामर्शदाताओं से चयन-प्रक्रिया अथवा निर्णायक-मण्डल आदि से संबंधित अनपेक्षित जानकारी माँगना अयोग्यता माना जायेगा। किसी भी समय नियम-परिवर्तन एवं अंतिम निर्णय-संबधी सर्वाधिकार उपर्युक्त नामांकित मण्डल के पास सुरक्षित हैं। निर्णय-संबधी कोई भी विवाद कदापि स्वीकार्य नहीं होगा।
8. वांछित संलग्नकों के साथ समस्त प्रविष्टियाँ ‘तीसरी आँख’ के निम्नांकित पते पर निर्धारित तिथि से पूर्व भेजें-
जितेन्द्र ‘जौहर’
(स्तम्भकार ‘तीसरी आँख’)
पत्राचार: आई आर-13/6, रेणुसागर-231218, सोनभद्र (उप्र).
कार्यस्थल: अग्रेज़ी विभाग, ए.बी.आई. कॉलेज।
मोबा. 09450320472
ईमेल: jjauharpoet@gmail.com
बहुचर्चित साहित्यिक स्तम्भ ‘तीसरी आँख’ की पुरस्कार/सम्मान-श्रृंखला:
पुरस्कार क्रमांक-1: ‘श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति: श्रेष्ठ सृजन सम्मान’
(1100/-रुपये + प्रमाण-पत्र)
वैदिक क्रांति परिषद की संस्थापिका एवं ‘सरस्वती प्रकाशन’ की प्रेरणास्रोत श्रीमती सरस्वती सिंह जी की पावन स्मृति में निर्धारित उक्त सम्मान साहित्य की किसी भी विधा (गद्य-पद्य) के रचनाकार को देय होगा जिसके लिए प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 30 जून 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. गद्य या पद्य विधा की तीन फुटकर रचनाएँ (प्रकाशित/अप्रकाशित का बंधन नहीं) मौलिकता प्रमाण-पत्र के साथ।
2. सचित्र परिचय + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
विशेष: इस सम्मान हेतु श्रेष्ठ/स्तरीय प्रविष्टियों के अभाव की स्थिति में रचनाओं का चयन देशव्यापी पत्र-पत्रिकाओं, इंटरनेट, गद्य/पद्य संग्रहों, आदि में से किया जा सकता है।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
डॉ. आनन्दसुमन सिंह श्री अशोक ‘अंजुम’ जितेन्द्र ‘जौहर’
(प्र. संपा.‘सरस्वती सुमन) (संपा.‘अभिनव प्रयास’) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
देहरादून, उत्तराखण्ड. अलीगढ़, उ.प्र. सोनभद्र, उप्र
.................................................................................
(5100/-रुपये + प्रमाण-पत्र)
आर्य समाज-सेवक, स्वाभिमानी राष्ट्रभक्त, पूर्व स्वतंत्रता सेनानी एवं सन् 1930 के स्नातक श्री केशरीलाल आर्य जी की पावन स्मृति में स्थापित उपर्युक्त वार्षिक सम्मान वरिष्ठ गीतकार/दोहाकार डॉ. देवेन्द्र आर्य की पितृ-भक्ति का प्रतीक है। यह सम्मान राष्ट्रीय स्तर पर चुने गये किसी श्रेष्ठ कवि/कवयित्री (कोई आयु-बंधन नहीं) को गीत अथवा दोहा-सृजन के लिए देय होगा। इस सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 31 मार्च 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. मौलिक गीत-संग्रह अथवा दोहा-संग्रह (प्रकाशन-वर्ष का कोई बंधन नहीं) की दो प्रतियाँ।
2. सचित्र परिचय, प्रविष्टि-शुल्क रु. 200/- (मनीऑर्डर द्वारा; चेक अस्वीकार्य) + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
डॉ. देवेन्द्र आर्य डॉ. शिवओम अम्बर जितेन्द्र ‘जौहर’
(वरिष्ठ साहित्यकार) (वरिष्ठ साहित्यकार) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
ग़ाज़ियाबाद, उप्र. फ़र्रुख़ाबाद, उ.प्र. सोनभद्र, उ.प्र.
.................................................................................
पुरस्कार क्रमांक-3: ‘श्रीमती रत्नादेवी स्मृति काव्य-सृजन सम्मान’
(5001/- रुपये + प्रमाण-पत्र)
डिप्टी कलेक्टर के रूप में तीन दशक का बेदाग़ सेवाकाल बिताने वाले 74 वर्षीय श्री आमोद तिवारीजी शांत स्वभाव एवं वैदुष्य के धनी हैं। उनकी गहन साहित्य-निष्ठा का प्रतीक उपर्युक्त वार्षिक सम्मान उनकी स्वर्गीया धर्मपत्नी श्रीमती रत्नादेवी जी की पावन स्मृति में स्थापित किया गया है जो कि राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किसी श्रेष्ठ कवि/कवयित्री (युवाओं को विशेष वरीयता, तथापि आयु-बंधन नहीं) को देय होगा। इस सम्मान हेतु प्रविष्टियाँ निम्नांकित संलग्नकों के साथ 31 मार्च 2012 तक सादर आमंत्रित हैं:
1. काव्य की किसी भी विधा (छांदस/अछांदस) के मौलिक प्रकाशित संग्रह (प्रकाशन-वर्ष का कोई बंधन नहीं) की दो प्रतियाँ अथवा मौलिकता प्रमाण-पत्र के साथ अप्रकाशित कृति (पाण्डुलिपि) अथवा न्यूनतम 15 फुटकर कविताएँ।
2. सचित्र परिचय, प्रविष्टि-शुल्क रु. 200/- (मनीऑर्डर द्वारा; चेक अस्वीकार्य) + डाक टिकटयुक्त एक लिफ़ाफ़ा व पता लिखे दो पोस्टकार्ड।
प्रायोजक: परामर्शदाता: चयनकर्ता:
श्री आमोद तिवारी डॉ. रा.स.लाल शर्मा ‘यायावर’ जितेन्द्र ‘जौहर’
(पूर्व डिप्टी कलेक्टर) (वरिष्ठ साहित्यकार) (स्तम्भकार: ‘तीसरी आँख’)
कटनी, म.प्र. फ़िरोज़ाबाद, उ.प्र. सोनभद्र, उ.प्र.
.................................................................................
विशेष ध्यानार्थ:
1. उपर्युक्त सभी सम्मान/पुरस्कार ‘तीसरी आँख’ द्वारा आयोजित एक भव्य ‘सम्मान-समारोह’ एवं गरिमापूर्ण ‘अखिल भारतीय कवि-सम्मेलन’ में प्रदान किये जायेंगे जिनका विस्तृत समाचार विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशनार्थ प्रेषित किया जायेगा। साथ ही, चयनित कवि/कवयित्री की चुनिन्दा रचनाओं को विभिन्न प्रतिष्ठित वेबसाइट्स/इंटरनेट पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित करने का प्रयास रहेगा।
2. चयन-प्रक्रिया अत्यन्त पारदर्शी एवं त्रिस्तरीय होगी जिसे परिणामों के साथ घोषित किया जायेगा। कृतियों के निष्पक्ष चयन का आधार-कथन (संक्षिप्त समीक्षा के साथ) ‘तीसरी आँख’ में प्रकाशित करने का प्रयास रहेगा।
3. प्रविष्टि-शुल्क का उद्देश्य व्यावसायिक नहीं है। इन सम्मानों/पुरस्कारों का मूल उद्देश्य श्रेष्ठ साहित्य-सृजन को प्रेरित करना है।
4. प्रशंसकों/शुभचिंतकों द्वारा भेजी गयी अपने प्रिय कवि/कवयित्री की प्रविष्टियाँ (वांछित संलग्नकों के साथ) स्वीकार्य हैं।
5. किसी पाण्डुलिपि के चुने जाने की स्थिति में निर्धारित सम्मान/पुरस्कार उसके प्रकाशन हेतु अनुदान-राशि के रूप में प्रदान किया जायेगा।
6. सभी सम्मानों के लिए अलग-अलग प्रविष्टियों की छूट उपलब्ध है; लिफ़ाफ़े पर सम्मान/पुरस्कार का नाम एवं क्रमांक स्पष्ट रूप से लिखें। संलग्नकों के अभाव में प्रविष्टियाँ अमान्य होंगी।
7. प्रायोजकों अथवा परामर्शदाताओं से चयन-प्रक्रिया अथवा निर्णायक-मण्डल आदि से संबंधित अनपेक्षित जानकारी माँगना अयोग्यता माना जायेगा। किसी भी समय नियम-परिवर्तन एवं अंतिम निर्णय-संबधी सर्वाधिकार उपर्युक्त नामांकित मण्डल के पास सुरक्षित हैं। निर्णय-संबधी कोई भी विवाद कदापि स्वीकार्य नहीं होगा।
8. वांछित संलग्नकों के साथ समस्त प्रविष्टियाँ ‘तीसरी आँख’ के निम्नांकित पते पर निर्धारित तिथि से पूर्व भेजें-
जितेन्द्र ‘जौहर’
(स्तम्भकार ‘तीसरी आँख’)
पत्राचार: आई आर-13/6, रेणुसागर-231218, सोनभद्र (उप्र).
कार्यस्थल: अग्रेज़ी विभाग, ए.बी.आई. कॉलेज।
मोबा. 09450320472
ईमेल: jjauharpoet@gmail.com
विभिन्न विभूतियों के सम्मान में दिए जानेवाले ये पुरस्कार \ सम्मान निश्चित ही साहित्यिक जगत में मील के पत्थर हैं और इनसे रचनाकारों को प्रोत्साहन प्राप्त होगा | आयोजकों को इस पुनीत प्रयास हेतु हार्दिक साधुवाद और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteसादर
अभिनव अरुण
वरिष्ठ उदघोषक आकाशवाणी वाराणसी
लेखक कवि पत्रकार और प्रसारण - कर्मी
मंगलकामनाएं ..निश्चित ही यह कदम हिंदी के प्रचार और प्रसार तथा उच्च कोटि के लेखन को साहित्यजगत में बदाव देगा | सादर
ReplyDeleteआदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है
suresh mishra
आदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है
आदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है
आदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है
आदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है
आदरणीय जौहर जी सदर प्रणाम
ReplyDeleteआपने जो समीक्षा कुमार साहब पर की है वाकई लाजबाब है, आप तो समुद्र से शीप खीच लाने वाले है क्या कुमार साहब को यह नहीं मालूम की नेशनल एंथम का क्या महत्वा है?
तथा जिन्होंने ने भी 'कोई दीवाना कहता है'को यह संज्ञा दी है उसने हमारे राष्ट्र गान का अपमान किया है उन्हें इस समाज से माफ़ी मागनी चाहिए |राष्ट्र गान सम्पूर्ण राष्ट्र को
एकता के शूत्र में पिरोता है किन्तु कुमार साहब का गीत समाज में अनैतिकता प्रसारित करने वाला है ,जो भारतीय समाज के हित में नहीं है