जौहरवाणी
शब्द-स्वर-संगीत का संगम
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साथी-संगम
Wednesday, November 13, 2013
मुक्तक / क़त्अः
मुक्तक / क़त्अः
दिन गुज़रता नहीं, रात कटती नहीं।
आरज़ू दिल की दिल में सिमटती नहीं।
मैंने लाखों जतन करके देखे मगर,
ये नज़र आपसे दूर हटती नहीं।
- जितेन्द्र 'जौहर'
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