*परिचय *
नाम :
जितेन्द्र ‘जौहर’
जन्म :
26 अगस्त, 1973 (काग़ज़ पर)
20 जुलाई, 1971 (माँ ने बताया)
जन्म-स्थान :
(कन्नौज, उ.प्र.) भारत।
शिक्षा :
एम. ए. (अँग्रेज़ी: भाषा एवं साहित्य), बी. एड., सी.सी.ए.
पी.जी. स्तर पर बैच टॉपर ।
अ.भा.वै.महासभा द्वारा ‘रजत-प्रतिमा’ से सम्मानित।
सम्प्रति :
अँग्रेज़ी-अध्यापन (ए. बी. आई. कॉलेज, रेणुसागर, सोनभद्र, उप्र 231218), भारत.
सम्पर्क :
आई आर- 13/6, रेणुसागर, सोनभद्र, (उ.प्र.) 231218 भारत.
मोबाइल नं. +91 9450320472.
ईमेल jjauharpoet@gmail.com
* साहित्यिक गतिविधियाँ / उपलब्धियाँ *
लेखन-विधाएँ :
गीत, ग़ज़ल, दोहा, मुक्तछंद, हाइकू, मुक्तक, हास्य-व्यंग्य, लघुकथा,
समीक्षा, भूमिका, आलेख, आदि।
हिन्दी एवं अंग्रेज़ी में समानान्तर लेखन।
मेरे प्रिय मुक्तक :
-1-
नहीं चाहत कि मेरे सिर पे कोई ताज रहे।
तंग-दस्ती पे ही ता-उम्र मुझे नाज़ रहे।
शाइरी करना अगर रोग है, मेरे मालिक !
तो ये ख़्वाहिश है, मेरा रोग लाइलाज रहे । -(जितेन्द्र ‘जौहर’)
-2-
किसी दरवेश के किरदार - सा, जीवन जिया होता।
हृदय के सिन्धु का अनमोल अमृत भी पिया होता।
तृषातुर रेत की हिरनी- सा व्याकुल मन नहीं होता,
अगर अन्तर्-कलश का आपने मंथन किया होता !! -(जितेन्द्र ‘जौहर)
सक्रिय योगदान :
सम्पादकीय सलाहकार त्रैमा. ‘प्रेरणा’(शाहजहाँपुर, उ.प्र.)
विशेष सहायोगी त्रैमा. ‘प्रयास’ (अलीगढ़, उ.प्र.) एवं ‘विविधा’(उत्तराखण्ड)।
प्रसारण :
ई.टी.वी. के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘गुदगुदी’ में अनेक एपीसोड प्रसारित।
आकाशवाणी से एकल काव्य-पाठ, साक्षात्कार एवं गोष्ठी आदि के दर्जनाधिक प्रसारण।
वेब मैग्ज़ीन्स, ब्लॉग्ज़ एवं न्यूज़ पोर्टल्ज़ पर रचनात्मक उपस्थिति।
वीडियो एलबम में फ़िल्मांकित गीत शामिल।
सिटी चैनल्स पर सरस कव्य-पाठ।
काव्य-मंच :
संयोजन एवं प्रभावपूर्ण संचालन के लिए विशेष पहचान।
ओजस्वी व मर्यादित हास्य-व्यंग्यपूर्ण काव्य-पाठ का प्रभावी निर्वाह।
प्रकाशन :
देश-विदेश की लगभग 200 पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
दै.‘हिन्दुस्तान’, ‘दैनिक जागरण’, ‘गाण्डीव’, बहुजन परिवार साप्ता./पाक्षिक ‘पाञ्चजन्य’,सीधीबात,प्रेसमैन, बहुजनविकास मासिक ‘पाखी’ गोलकोण्डा दर्पण, कल्याण (गीता प्रेस), अक्षरपर्व, अट्टहास, त्रैमा.‘समांतर’, कथाबिम्ब, वसुधा (कनाडा), सार्थक, अक्षरम् संगोष्ठी, व्यंग्य-यात्रा, सरस्वती सुमन, अक्षत्, युगीन-काव्या, मरु-गुलशन, चक्रवाक्, सरोपमा, गुफ़्तगू, व्यंग्य-तरंग, नई गुदगुदी, प्रतिमान, हमारी धरती, चेतना-स्रोत, कथाबोध,
मेकलसुता, तेवरी-पक्ष, वार्षिक ‘हास्यम्-व्यंग्यम्’, हस्तक्षेप, छपते-छपते, विज्ञापन की दुनिया, अमरावती-मण्डल, विवेक-वाणी, आदि सहित अनेक अनियतकालीन प्रकाशनों में रचनात्मक सहभागिता।
समवेत संग्रह :
‘हास्य कवि दंगल’ (धीरज पॉकेट बुक्स, मेरठ)
‘ग़ज़ल...दुष्यंत के बाद’ भाग-3 (वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली)
‘हिन्दुस्तानी ग़ज़लें’ भाग-1, 2 व 3 (ऋचा प्रकाशन, कटनी)
‘उ.प्र. काव्य विशेषांक’ (संयोग साहित्य, मुम्बई)
‘अष्टकमल’ (माण्डवी प्रकाशन, ग़ाज़ियाबाद)
‘हिन्दी साहित्य के जगमगाते रत्न’ भाग-1 (ॐ उज्ज्वल प्रकाशन, झाँसी)
‘कलम गूँगी नहीं’ (कश्ती प्रकाशन, अलीगढ़)
‘कुछ शिक्षक कवि’ (लक्ष्मी पब्लिकेशंज़, नई दिल्ली)
‘शब्द-शब्द मोती’ (प्रतिभा प्रकाशन, जालौन)
‘स्मृतियों के सुमन’ (पुष्पगंधा प्रकाशन, छ्त्तीसगढ़) सहित अनेकानेक महत्त्वपूर्ण
समवेत संग्रहों में रचनाएँ संकलित।
भूमिका-लेखन :
देश के अनेक सुप्रसिद्ध लेखकों की कृतियों में सारगर्भित भूमिका-लेखन।
अनुवाद :
अंग्रेज़ी कथा-संग्रह ‘ऑफ़रिंग्स’ का हिन्दी अनुवाद।
संपादन :
‘अशोक अंजुम: व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति’ (समग्र मूल्यांकनपरक कृति)।
‘अरण्य का सौन्दर्य’ (डॉ. इन्दिरा अग्रवाल के सृजन पर आधारित समीक्षा-कृति)।
‘त्योहारों के रंग, कविता के संग’ (तैयारी में...)।
विशेष :
अनेक काव्य-रचनाएँ संगीतबद्ध एवं गायकों द्वारा गायन।
राष्ट्रीय/ प्रान्तीय/ क्षेत्रीय स्तर पर विविध साहित्यिक/सांस्कृतिक
प्रतियोगिताओं के निर्णायक-मण्डल में शामिल।
उ. म. क्षे. सांस्कृतिक केन्द्र, (सांस्कृतिक मंत्रालय, भारत सरकार) एवं
‘स्टार इण्डिया फ़ाउण्डेशन’ द्वारा आयोजित कार्यशालाओं में ‘फोनेटिक्स’,
‘सेल्फ़-डेवलपमेण्ट’, ‘आर्ट ऑफ़ पब्लिक स्पीकिंग’, ‘कम्यूनिकेशन एण्ड प्रेज़ेण्टेशन स्किल’, आदि विषयों
पर कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन/मुख्य वक्ता के रूप में प्रभावपूर्ण भागीदारी।
सम्मान/पुरस्कार:
अनेक सम्मान एवं पुरस्कार (समारोहपूर्वक प्राप्त)। जैसे- पं. संतोष तिवारी स्मृति सम्मान, साहित्यश्री(के.औ.सु.ब. इकाई मप्र), नागार्जुन सम्मान, साहित्य भारती, महादेवी वर्मा सम्मान, आदि के अतिरिक्त विभिन्न प्रशस्तियाँ व स्मृति-चिह्न प्राप्त।
प्रकाशित रचनाओं पर 500-600 से अधिक प्रशंसा व आशीष-पत्र प्राप्त।
* * * * *
जितेद्र जी,
ReplyDeleteआपके अस्तित्व और व्यतित्व से मैं काफी प्रभावित हुआ हूँ । बधाई!! आप मेरे ब्लॉग पर जैसे भी आये मुझे बहुत अच्छा लगा। दिल से धन्यवाद । आगे भी मिलते रहेंगे। आपका और भी भविष्य उज्जवल हो मेरी शुभकामनाएँ ।
चलिए अब आप भी ब्लॉग-जगत में..स्वागत है. आपका विस्तृत परिचय पढ़कर अच्छा लगा. सप्तरंगी-प्रेम और बाल-दुनिया के लिए आपसे रचनाओं की अपेक्षा रहेगी.
ReplyDelete__________________________
"शब्द-शिखर' पर जयंती पर दुर्गा भाभी का पुनीत स्मरण...
श्री प्रेम फ़र्रुख़ाबादी जी,
ReplyDeleteधन्यवाद...हुज़ूर! आपकी सद्भाव-सलिला में नहाकर मन आह्लादित हुआ!समय मिलते ही पुनः आऊँगा आपके ब्लॉग पर, उस दिन बड़ी जल्दी में था। फिर मिलते हैं... Bye !
श्रीमती आकांक्षा जी,
ReplyDeleteKKY जी को भी मेरा नमस्कार कहिएगा!
धन्यवाद कि आप मेरे इस अकिंचन ब्लॉग पर आईं! दरअस्ल अभी यहाँ कुछ भी Post नहीं कर पाया है...बहुविमीय व्यस्तताएँ जो हैं। मेरी रचनाएँ शीघ्र आप तक पहुँचेंगी। सचमुच मैं भूल गया था, मेरी KK जी से बात हुई थी।
जौहर जी,
ReplyDeleteआपने नाम लिया हाजिर हूँ. अब समय निकलकर कुछ अपनी रचनाएँ पोस्ट ही कर डालिए. आपको ब्लागिंग में देखकर अच्छा लगा.
केके जी,
ReplyDeleteधन्यवाद...! यही होता है जुड़ाव और अपनापन!
बसऽऽऽ..अब कुछ ही दिनों में आपको यहाँ सृजन की झलकियाँ दिखायी देने लगेंगी।
शाईरी करना अगर रोग है, मेरे मालिक
ReplyDeleteतो ये ख़्वाहिश है की ये रोग लाइलाज रहे
बहुत सुन्दर,,बहुत खूब जितेन्द्र जी,
आप मेरे ब्लॉग पर आये ,शुक्रिया
आपकी नई पोस्ट का इंतज़ार रहेगा
यथाख्यात परिचय, जानकर बेहद हर्ष हुआ।
ReplyDeleteएक सामयिक रूपक आपका इंतजार कर रहा…।
http://shrut-sugya.blogspot.com/2010/10/blog-post_26.html
तारीफें करें आज कैसे हम उनकी करें लाजवाब जो “लिखाई”
ReplyDeleteअलफ़ाज़ भी अब मयस्सर नहीं हैं करें हम जो उनकी बड़ाई.
अश्विनी रॉय
जितेन्द्र जी, आदाब...
ReplyDeleteआपके लेखन और व्यक्तित्व से रूबरू होकर बहुत अच्छा लगा.
ब्लॉग पर आपकी रचनाओं का इंतज़ार रहेगा.
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.