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साथी-संगम

Wednesday, November 13, 2013

मुक्‍तक / क़त्‍अः



मुक्‍तक / क़त्‍अः


दिन गुज़रता नहीं, रात कटती नहीं। 

आरज़ू दिल की दिल में सिमटती नहीं। 

मैंने लाखों जतन करके देखे मगर, 



ये नज़र आपसे दूर हटती नहीं। 

- जितेन्द्र 'जौहर' 












Monday, October 21, 2013



ख़ुशी के पल

     "अरे, वाह...!" ये दो शब्द सहसा मेरे मुँह से... त्वरित उद्-गार के रूप में... निकल पड़े, जब कल की डाक में शामिल एक 'विशेष पैकेट' को खोला! सोचा कि अपने FB friends से भी साझा कर लूँ, ख़ुशी के ये यादगार पल...! 

     मित्रो, प्रिण्ट मीडिया में साहित्यकारों/साहित्य-प्रेमी पाठकों के बीच... मेरे बहुचर्चित स्तम्भ 'तीसरी आँख' (त्रैमा. 'अभिनव प्रयास') पर एक 'लघु शोध प्रबन्ध' का कार्य सम्पन्न हो गया है, आगरा विश्वविद्यालय में! इस 'शोध प्रबन्ध' की प्रति मुझे कल ही मिली।

     शोधार्थी श्री कृष्ण कुमार यादव ने शोध-निर्देशक डॉ. रश्मि जैन (एसो. प्रोफ़ेसर) के कुशल निर्देशन में अत्यन्त परिश्रम से यह कार्य सम्पन्न किया है, उन्हें हार्दिक बधाई!

     'माँ'... नमन् आपके चरणों में !!

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