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साथी-संगम

Monday, May 2, 2011

रुबाई-२



जो सच है करो उसकी इबादत यारो!
औरों के हो जज़्बात की इज्ज़त यारो!
इंसान को इंसान अगर बनना है,
तो समझे वो जीवन की हक़ीक़त यारो!
                                    -जितेन्द्र ‘जौहर’

8 comments:

  1. बहुत सार्थक प्रस्तुति..

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  2. सबसे मुश्किल इंसान बने रहना ही है
    ...बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति

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  3. अहा!!
    सन्मति प्रेरक!! सार्थक, जौहर जी!!


    __________________________
    सुज्ञ: ईश्वर सबके अपने अपने रहने दो

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  4. सत्य कहा...
    ग्रहणीय विचार !!!

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  5. विश्श्व में असहिष्णुता तीव्रता से फ़ैलने के कारण आज मानव को मानव पर विश्वास नही रहा है. ऐसे में यह रुबाई निश्चित रूप से एक प्रेरणा स्रोत सिद्ध होगी, ऐसा मेरा विश्वास है.

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  6. बहुत सुन्दर शब्दों में दिल की बात कह दी...बधाइयाँ !!

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