जौहरवाणी
शब्द-स्वर-संगीत का संगम
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साथी-संगम
Monday, May 21, 2012
एक क्षणिका :
०
रचनाकार
०
उधर
विसंगतियों पर प्रहार
इधर
विसंगतियों के शिकार,
वाह रे...
रचनाकार!
- जितेन्द्र ‘जौहर’
Saturday, May 12, 2012
एक क्षणिका :
०
गणित
०
रिश्तों की ‘आधार रेखा’ पर
आशाओं का ‘लम्ब’
जितना ऊँचा उठता जायेगा,
निराशाओं के ‘कर्ण’ की लम्बाई
बढ़ती जायेगी!
-जितेन्द्र ‘जौहर’
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